आराम की नौकरी, अधिकार, प्रभुसत्ता और अच्छी तनख्वाह के लिए जरूरी है कि व्यक्ति में काबिलियत भी हो | परन्तु कभी कभी कुछ लोग ऐसे भी देखने को मिलते हैं जिन्हें अच्छी नौकरी के लिए ख़ास मशक्कत नहीं करनी पड़ती | कुछ लोगों की कुंडली में राजयोग होता है जिसमे आप सुख सुविधा के साथ आजीविका चलाते हैं | आपको अधिकार मिलता है | वैसे अधिकतर लोगों की कुंडली में किसी न किसी तरह का राजयोग अवश्य होता है परन्तु कुछ लोगों के जीवन में राजयोग का फल उस समय मिलता है जब इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है | और कुछ लोगों के जीवन काल में राजयोग उस समय आता है जब इसकी कोई आवश्यकता शेष नहीं रह जाती | दशा अन्तर्दशा के अनुसार राजयोग की अवधि होती है | यह अवधि उस ग्रह की दशा और अन्तर्दशा पर निर्भर करती है |
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आइये जानते हैं कुछ ऐसे योगायोग के बारे में जो किसी किताब से न लेकर मैंने स्वयं लोगों के जीवन से संकलित किये हैं | कुछ ऐसे ग्रह योग जो यदि आपकी या आपके बच्चों की कुंडली में हैं तो नौकरी की और से चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी |  लग्न से दसवां घर नौकरी के लिए देखा जाता है परन्तु मैंने अनुभव में पाया है कि दसवें घर से भी महत्वपूर्ण कुंडली का द्रेश्कोंन चक्र होता है | इसी स्थान से पता चलता है की आजीविका क्या होगी | दसवें घर में उपस्थित ग्रहों नौकरी पर पूरा प्रभाव पड़ता है परन्तु दसवें घर में बैठे ग्रहों की अपेक्षा दसवें घर में जो राशि होती है उस राशि के स्वामी ग्रह पर निर्भर करता है कि नौकरी कैसी होगी | नौकरी कब मिलेगी और नौकरी के लिए किस क्षेत्र में प्रयास करना चाहिए |  बच्चों की पढ़ाई के विषयों का चयन करते समय यदि दशम भाव पर दृष्टि डाल ली जाए तो सहज ही पता लगाया जा सकता है कि कौन सा विषय उपयुक्त रहेगा | जैसे कि बुध दशम भाव में हो तो अकाउंट के क्षेत्र में और मंगल दशम में हो तो मेडिकल के क्षेत्र में जातक की शिक्षा सार्थक होती है | दसवें घर का सम्बन्ध यदि नौवें घर से हो तो यह एक प्रबल राजयोग होता है | जातक की नौकरी सुरक्षित होती है | जीवन में नौकरी या व्यवसाय के विषय में व्यक्ति को धक्के खाने की नौबत नहीं आती | इसी तरह दसवें घर का सम्बन्ध पांचवें घर से हो तो यह भी राजयोग है | दसवें घर का सम्बन्ध ग्यारहवें घर से हो तो व्यक्ति पैसे से पैसा कमाता है | यानी कारोबार में व्यक्ति सफल रहता है | दसवें घर में बैठे ग्रह का या दसवें घर के स्वामी ग्रह का स्थान परिवर्तन यदि किसी ग्रह के साथ हो जाए तो यह सरकारी नौकरी का योग बनता है | इस सम्बन्ध में पचास से अधिक सरकारी अफसरों की कुंडलियों का अध्ययन किया गया तो इकहत्तर फीसदी लोगों की कुंडली में यह योग देखा गया | अभी शोध जारी है | दसवें घर का स्वामी यदि केतु के साथ हो तो जीवन में एक बार व्यक्ति शिखर तक जरूर पहुँचता है बशर्ते कि केतु अस्त न हो | दसवें घर में चार या चार से अधिक ग्रह हों तो व्यक्ति को नौकरी की बजाय बिजनेस में अधिक सफलता मिलने की संभावना रहती है | दसवें घर का सम्बन्ध आठवें घर से हो तो व्यक्ति विदेश में धन कमाता है | दसवें घर में कोई ग्रह न हो और दसवें घर का स्वामी भी अकेला, दुर्बल या शक्तिहीन हो तो इसका यह अर्थ नहीं कि व्यक्ति जीवन में कुछ नहीं करेगा और यह भी जरूरी नहीं की यदि दशम भाव में कोई ग्रह हो तो अवश्य ही नौकरी मिलेगी | ग्रहों के बलाबल पर यह निर्भर करता है कि जातक का काम धंधा क्या होगा |  इसी तरह नक्षत्रों के आधार परभी राजयोग बनते हैं जो अधिक प्रभावी सिद्ध होते हैं | यदि नौवें और दसवें घर, नौवें और पांचवें घर, दसवें और ग्यारहवें घर के ग्रह में से कोई भी दो ग्रह आपस में नक्षत्र परिवर्तन कर रहे हों तो इस आधार पर बनने वाला राजयोग अत्यंत शक्तिशाली होता है | राजयोग का फल कब ? राजयोग उस ग्रह की महादशा / अन्तर्दशा में प्रकट होता है जो राजयोग का निर्माण कर रहा हो | इसके अतिरिक्त जब सम्बंधित ग्रह जन्म लग्न में जिन अंश स्थिति में हो उसी अंशों पर फिर से जब गोचर भ्रमण करे तो भी अपना फल देता है | उदाहरण के लिए शनि यदि राजयोग कारक है और जन्मकुंडली में शनि बीस अंश पर है तो जब जब गोचर में शनि बीस अंशों पर होगा वह समय जातक के लिए अत्यंत कल्याणकारी सिद्ध होगा | इसके अतिरिक्त और भी कई नियम हैं जिनका उल्लेख यहाँ करना अत्यंत कठिन है | संक्षेप में इतना ही कहूँगा कि जन्मकुंडली सैंकड़ों योग ऐसे होते हैं जिनसे राजयोग बनते हैं परन्तु ग्रहों का काल सीमित समय के लिए होता है | जन्मकुंडली द्वारा सहज ही पता लगाया जा सकता है की अनुकूल समय कब आएगा |    
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