नारियल का तंत्र शास्त्र में विशेष महत्व है | न केवल सात्विक और शान्ति कर्म के लिए अपितु अभिचार कर्मों में भी नारियल का प्रयोग होता रहा है | कभी काटकर तो कभी दबाकर, कभी छेद करके और कभी भस्म के रूप में नारियल के अनेक प्रयोगों का वर्णन तंत्र शास्त्रों में मिलता है | यहाँ मैं एक बेहद सरल और कई बार आजमाया हुआ उपाय बता रहा हूँ जिसे आजमाने के बाद केवल चालीस दिन के भीतर चमत्कारिक सफलता मिलती है |
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कुछ लोग इसे नारियल बलि भी कहते हैं क्योंकि इसमें नारियल बलि की तरह छेदन किया जाता है | मेरी दृष्टि में यह शनि का एक अचूक उपाय है जो उस अवस्था में कारगर साबित होता है जब शनि की वजह से किसी कार्य में देरी हो रही हो | शनि मंद चलने वाला ग्रह है इसलिए जहाँ शनि की दृष्टि होती है उससे सम्बंधित कार्यों में देरी होती है | किसी भी शनिवार के दिन एक नारियल का गोला लीजिये | नारियल वह लेना है जो सूखे मेवे में प्रयोग किया जाता है अर्थात सूखा नारियल |नारियल के ऊपर से दस प्रतिशत हिस्सा चाक़ू या किसी अन्य धारदार चीज की सहायता से काट लें | नारियल का उपरी हिस्सा अब एक ढक्कन की तरह बन जाएगा और नारियल में एक छेद भी हो जाएगा | अब आटा, सूजी देसी घी और शक्कर को मिलाकर धीमी आंच पर भून लें | इसे पंजाबी में पंजीरी भी कहते हैं जो अधिकतर भगवान् विष्णु के प्रसाद के रूप में इस्तेमाल की जाती है | इस मिश्रण को नारियल में भरकर ऐसी जगह दबाना है जहाँ चींटियों का आश्रय हो | सुनसान जगह पर ऐसा उपाय करना चाहिए जहाँ कोई आपको देख न सके | साथ ही ध्यान रखें कोई जानवर इसे आसानी से जमीन में से न निकाल ले  इसलिए गड्ढा थोडा गहरा खोदें | यह एक तरह का भंडार या दावत है जो चींटियों के लिए कई दिनों का राशन है | चींटियों पर शनि का प्रभुत्व होता है | इस उपाय से शनि जनित बाधा से कुछ ही दिनों में मुक्ति मिलेगी और विवाह आदि की बाधा समाप्त होगी | बाकी श्रीराम जी की इच्छा | अशोक प्रजापति [vfb id=’1′]